लोग आपको जिंदगी में अपनी जगह आपकी हैसियत के हिसाब से देते हैं । जैसी आपकी हैसियत वैसी आपकी जगह लोग तय करते हैं । यही बात आपके प्रति आचरण और व्यवहार में भी लागू होता है । लोगों का आपके प्रति भाव ही आपका भाव तय करता है और आपका भाव ही यह तय करता है कि आपको लोग कितना भाव देंगे । रिश्तों की अहमियत आपकी अहमियत से तय होती है । अलग - अलग लोगों के लिए अलग - अलग व्यवहार इसकी सत्यता का प्रत्यक्ष प्रमाण है । भले ही हम इसे नजरअंदाज करते रहते हैं परन्तु यह एक कटु सत्य है बाक़ी सब दिल को बहलाने वाली बातें हैं ।
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