Tuesday, 14 July 2020

अविश्वास प्रस्ताव

अरे भाई राजनीति व्यापार है ...समाज सेवा थोड़े ना है । समाज सेवा के लिए राजनीति की जरूरत नहीं होती । समाज खुद विकसित होकर बनता है । राजनीति 20-20 का गेम है जहां सट्टा लगता है । दशरथ मांझी अगर किसी पार्टी को ज्वॉइन करता तो पहाड़ काटकर रास्ता नहीं बनता । पार्टी जॉइन करने का मकसद पार्टी करना होता है । नेता काम करेगा ये  सोचना यह यह साबित करता है कि आप अभी जन्मे ही नहीं है । जहां पार्टी का टिकट ही पैसे से मिलता हो उसपर काम की उम्मीद वो भी समाज सुधार और विकास की तो आप सभ्य भाषा में बहुत ही भोले- भाले हैं । बिना बोतल बांटे आपका जमानत जहां ज़ब्त हो जाए वहां आपको बाद में खाली बोतल ही मिलेगा और आप बोतल चुन चुन कर बोतल हो जाएंगे । ऐसे लोकतंत्र मूर्खों का शासन है बाबा अरस्तू खुद ही मूर्ख बनकर पहले ही चल दिए । 

गुनाह करके कहाँ जाओगे ग़ालिब,

ये जमीं और आस्मां सब उसी का है।

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