Saturday, 27 June 2020

मन की बात

'मन का बात' बोला जाता सुना नहीं । आम जनता का मन का बात त उसका कनिया भी नहीं सुनता तो फिनु ख़ास आदमी कहे सुने । आम जनता खाली आम बेचता है और खास जनता बात बेचकर आम जनता से आम कीनता है और खाली आम का सेक पीता है और फिर गुठली फेक देता है और फिर आम जनता वही गुठली से या तो पॉपी बनाकर बजाता है या फिनू से आम का गाछ उगाता है और फीनू से आम बेचता है । यही चक्कर चलता रहता है । ✍️

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