Sunday 21 March 2021

पुराना मकान

ठिकाने तमाम हों राहें जिंदगी में
सुकूं जिंदगी को मिलता है पुराने मकान में ।

रातें हुआ नहीं करती शहरों में
अच्छी नींद तो बस आती है गांव के बागान में।

भीड़ तमाम होती शहरों की दुकान में
अपने तो बस मिलते हैं पुराने मकान में ।

लाख ठंडे हो कमरे आलीशान
देते हैं सुकून पुराने ही मकान ।

ठिकाने तमाम हों राहें जिंदगी में
सुकूं जिंदगी को मिलता है पुराने मकान में ।

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