Monday 25 July 2022

बीघा से स्क्वायर फूट तक

#बीघा से स्क्वायर फुट तक#

दिल्ली एनसीआर, नोएडा , गुरुग्राम , मुंबई .....ये वो नाम हैं जहां हर कोई गुमनाम है ...🧙🏻‍♂️ गांव से निकले काफ़िले यहीं आकर रुकते हैं ....!🏃🏻‍♂️ 
कुछ को नौकरी चाहिए तो कुछ को रोज़गार और कुछ को चकाचौंध ...!💫 

बीघों की जमीन छोड़ स्क्वायर फीट में जिंदगी को फिट कर लेने की धुआंधार दौड़ में शामिल भीड़ और सोचता हुआ " मैं" .....!😇

समाज को कोसों दूर छोड़ता हुआ सोसायटी ढूंढता एक नया समाज!🕵🏻‍♂️ स्विमिंग पूल , क्लब , जिम और भी न जाने कौन - कौन सी अमेनिटीज ....और फिर स्क्वायर फीट में सिमटी २ , ३ और ४ बीएचके चमकते टाईल्स वाले फ्लैट्स ....और उसकी बालकनी से झांकती सुकुन ढूँढती हजारों आंखें और सोचता मन ....!🤔

92.7 एफएम पर बजता गाना - " दिल ढूंढता है फिर वही फुरसत के रात - दिन ...." और फिर उदास मन और फिर " एक अकेला इस शहर में , रात या दोपहर में ......" फिर चलते हैं कहीं दूर खुली वादियों में पहाड़ों की ओर तो फिर कहीं खुले आसमान के नीचे खुले समुंदर की ओर  .....!🌊
 बैचेन मन और फिर बीघे में बिखरी यादें और स्क्वायर फीट में सिमटी दास्तां.....!🫥 स्क्वायर फीट में लगी पूरी जमा पूंजी और फिर किश्तों में बटी जिंदगी और समझौतों में उलझी - उलझी बिना आसमां वाली रातें ....!🌑 सूखते और बिकते बीघे और स्क्वायर फीट के भरते किश्तों का सफ़र और बेहिसाब असर और फिर कटती उमर....!🕗

फिर एफएम पर " रात के बारह बजे दिन निकलता है ... सुबह के छः बजे रात होती है .... आमची मुंबई...  " फिर सब कुछ उल्टा - पुल्टा...!🙃 

रात - दिन और फिर दिन और रात सब बराबर और जमींजोद होती जिंदगी ....! यार ! निकल चलते हैं इस जंजाल से और चलते हैं उसी पुराने चौपाल पे और बीघों में फैले उस पुराने मकान में ...मगर , किंतु, परंतु, बट.....! 😇बहुत कन्फ्यूजन है ....!😇 

सांप - छुछुंदर के इस खेल में जिंदगी ऐसे ही बीतती जाती है और फिर ऑफिस , काम , किश्त, एफएम और ऐसी ही कशमकश में कश लगाता धुआं छोड़ता हर फिक्र को धुएं में उड़ाता धुआं - धुआं होता आदमी .....!🌪️ और फिर सुबह होती है , शाम होती है और जिंदगी यूं ही तमाम होती है ...! 👨🏻‍🦯

यात्रीगण कृपया ध्यान दें - " गाड़ी संख्या १२४२३ नई दिल्ली से गाजियाबाद , कानपुर के रास्ते इलाहाबाद , मुगलसराय, पटना होते हुए ....कटिहार .....प्लेटफार्म नंबर १६ पर आ रही है ....यात्रीगण अपने समान की रक्षा स्वयं करें ....भारतीय रेल आपकी सुखद और मंगलमय यात्रा की कामना करता है ....धन्यवाद!🚑

(राजू दत्ता✍🏻)

No comments:

Post a Comment