KatiharDiary

Wednesday, 6 August 2014

अपराजित हार

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अपराजित हार ये कैसी जीत है कि हम जहाँ खड़े हैं , वहाँ तलाश है उनकी जो पीछे छूट गये ? हर जीत में इंसान अकेला ख...
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Wednesday, 23 July 2014

अपनापन

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अपनापन   छोटी - छोटी खुशियों में , जीवन पूरा लगता था ममता की आँचल में , मन शीतल सा लगता था मंज़र - मंज़र ...
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Tuesday, 22 July 2014

मूल्य

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  मूल्य   नारी - शक्ति की महिमा का पाठ पूरे संसार को पढ़ाने वाला भारतवर्ष आज स्वंय से आँखें चुरता नज़र आ ...

सुकून

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                     सुकून अंधेरों में भी उम्मीदों का चिराग जलाकर तो देखो रोशन होगा घर तेरा भी , दीया किसी का जलाकर...

“यादें”

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“यादें” भूले से भी भुला ना सके उन यादों को दीए की रोशनी मे गुज़री उन रातों को नुक्कर की दुकान वाली नानी की ...
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राजू दत्ता
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