KatiharDiary

Thursday, 21 May 2020

चाय की चुस्की

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बाबा बहुत चाय पीते थे । हर वक़्त चाय चाहिए होती थी। चाय की एक केतली हर वक़्त चूल्हे पर हुआ करती और मां बिना ब्रांड वाली कोई सी भी...
Wednesday, 20 May 2020

गांव हूं मैं

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हां गांव हूं मैं  धूप में शीतल छांव हूं मैं धूल और मिट्टी ही पहचान मेरी  व्याकुलता में ममता की छांव हूं मैं हां, वही गांव हूं मैं । मौन था म...
Tuesday, 19 May 2020

अंतर्मन

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नेत्र मात्र का खुलना ही दिख जाना नहीं  अंतर्मन के चक्षु ही सत्य बतलाते हैं । अधरों का हंसना मात्र ही आनंद नहीं  अंतर्मन की गहराई ही सत्य बतल...
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Friday, 15 May 2020

चवन्नी की कॉमिक्स

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उन दिनों टेलीविज़न और दूरदर्शन का लुफ्त उठाना सबके लिए सहज नहीं होता था और इसी बात की कमी को हमारी एक दूसरी दुनिया पूरा कर दिया करती थी और व...
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Tuesday, 12 May 2020

हाफ पैंट

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दो चार बार दर्जी मास्टर के यहां जाकर पता करने की कोशिश करने की कवायद कि वो पुरानी अब न इस्तेमाल होने वाली परिवार के बड़े सदस्यों की फूल पैंट...
Friday, 8 May 2020

सजीव का आनंद

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हमारी जिंदगी बहुत छोटी है दोस्तों. हमारे मिलने का कारण होता है , कोई न कोई अबूझ रिश्ता होता है. यह संयोग मात्र नहीं होता है. प्र...
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लपटों का संघर्ष

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गंगा घाट पर बहुत भीड़ भाड़ थी । चारों तरफ़ मेला सजा था । प्रत्येक पूर्णिमा के दिन यह मेला न जाने कितने युगों से सजता आ रहा है । गंगा स्नान क...
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राजू दत्ता
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